बोलबा के कुंदुरमुंडा गाँव में एक दिवसीय उराँव सम्मेलन का किया गया आयोजन

बोलबा :-प्रखण्ड के कुंदुरमुंडा गाँव मे शुक्रवार को एक दिवसीय उराँव सम्मेलन का आयोजन किया गयाइस मौके पर सरना झंडा गाड़ कर विधिवत पूजन किया गया तत्पश्चात सभी अतिथियों का पारम्परिक तरीके से स्वागत किया गया इस मौके पर बच्चियों द्वारा नृत्य -संगीत का आयोजन किया गया। वहीइस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राजी पड़हा राऊरकेला की झारियो केरकेट्टा ने कहा कि दुनियां का सबसे पुराना धर्म आदिधर्म अर्थात सरना धर्म पर विश्वास करें धर्म परिवर्तन करने की जरूरत नही है  सरना धर्म सशक्त है इसमें अशीम शक्ति है  अंधविश्वास में आकर झाड़-फूंक, ओझा -गुनी, भूत-प्रेत की चक्कर में नहीं रहें  इससे समाज बिखरता है । कोई भी समाज में डायन अगर  है और अपने करतूत से किसी की जान ले सकता है तो उसकी सूची बनाकर हमे दे ।सरकार से दरखास्त करूंगी कि हमारे समाज में इतने डायन है इसे भारत देश बॉर्डर में बहाल करे ताकि दुश्मन को अपने मंत्रो से मार सके । उन्होंने सरना धर्म की महत्व, शक्ति, प्रार्थना, आदि के बारे विस्तृत जानकारी दिया ।सरना झंडा का अपमान करने वालो को बख्शा नही जायेगा । समाज के संगठन को बनाएं रखें  हमलोग धन्य है कि हमलोग आदिवासी समाज मे पैदा होकर प्राकृतिक पूजक है हमें नशामुक्त समाज का निर्माण करने का संकल्प लेना है । उन्होंने कुँड़ुख़ भजन भी प्रस्तुत किया।इस मौके पर हरिश्चन्द्र भगत, विजय उराँव, बाबूलाल पहान,  मंगल टोप्पो, मांगू मिंज, भादे तिर्की, जयंती लकड़ा, सुशील ख़लखो, धुचु तिग्गा, देवेंद्र भगत, रामकिशोर भगत, छोटे ख़लखो ने अपने विचार ब्यक्त किए ।इस मौके पर  गोविंद ख़लखो, पुरुषोत्तम भगत, श्याम ख़लखो, फ़्लोरा ख़लखो, मंतुरणी ख़लखो, एवं भारी संख्या में लोग उपस्थित थे । मुख्य आयोजनकर्ता रंजीता बाड़ा, मंच संचालन मेरतल ख़लखो ने किया।

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